CHHATTISGARH

रायगढ़ में 4 माह में 6 हाथियों की मौत

आज दलदल में फंसे हाथी शावक की चली गई जान, कल करंट से मरा हाथी, पहले भी दलदल में शावक की हो चुकी है मौत
शावक के शव को सुबह ग्रामीणों ने देखा और मामले की जानकारी वन अमला को दी

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला में हाथियों की लगातार मौत हो रही है। अगर आकड़ा देखा जाए तो 4 माह पूरे भी नहीं हो सके हैं और 6 हाथियों की मौत हो चुकी है। बीती रात भी एक शावक का घरघोड़ा रेंज के पानीखेत के डैम के दलदल में फंस जाने से मौत का मामला सामने आया है। जिस

मिली जानकारी के मुताबिक बीती रात घरघोड़ा वन परिक्षेत्र के पानीखेत के जंगल क्षेत्र में 26 हाथियों का दल विचरण कर रहा था। रात में हाथी नहाने व पानी पीने के लिए पानीखेत के डैम में आए।

यहां नहाने के बाद बड़े हाथी तो बाहर निकल गए, लेकिन करीब 5 माह का नन्हा शावक दलदल में फंस गया और बाहर नहीं निकल सका। इससे दलदल में फंसने से उसकी मौत हो गई।

घटना के बाद सुबह जब मामले की जानकारी ग्रामीणों को लगी, तो वे मौके पर पहुंचे और घटना की सूचना वन अमला के दिए। जिसके बाद वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी वहां पहुंचे और शव को किसी तरह बाहर निकलवाया गया। इसके बाद शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम कराते हुए आगे की प्रक्रिया पूरी की जा रही है

दलदल में फंसने के बाद बाहर नहीं निकल सका हाथी शावक

क्रोंधा में करंट से हुई थी मौत

सोमवार की रात धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र के क्रोंधा के जंगल से निकलकर गौतमी दल का 1 हाथी खेतों में पहुंचा था। इस दौरान ग्रामीण के खेत में लगे करंट प्रवाहित तार की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई थी। जिसका शव मंगलवार की सुबह देखा गया था।
मंगलवार को क्रोंधा के एक खेत में हाथी को करंट लगने से उसकी मौत हो गई थी

पहले भी दलदल में फंसा था शावक

31 दिसबंर की रात को भी पानीखेत के दलदल में हाथी शावक की मौत आने का मामला सामने आया था। इस दौरान जंगल से निकलकर हाथियों का दल नहाने आया था, तभी एक हाथी शावक दलदल में फंस गया था और उसकी भी मौत हो गई थी।

3 हाथी की करंट से हुई थी मौत

26 अक्टूबर को बकचबा बीट के चुहकीमार स्थायी रोपणी में 3 हाथियों का शव देखा गया था। हाथियों की मौत 11 केवी तार की चपेट में आने से हुई थी। इसके बाद मामले में जांच करते हुए डिप्टी रेंजर, बीटगार्ड को सस्पेंड भी किया गया था।

दलदल से बाहर नहीं निकल सका

इस संबंध में रायगढ़ वन मंडल डीएफओ स्टाईलो मंडावी ने बताया कि रात में 36 हाथियों का दल पानीखेत कंटगडीह क्षेत्र में विचरण कर रहा था।

वही दल नहाने आया होगा। तभी उस दल का शावक नहाते दौरान दलदल में फंस गया और बाहर नहीं निकल सका। इससे उसकी मौत हो गई। अब 35 हाथियों का दल छाल की ओर चले गया है।

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